वह इठलाती रही शर्माती रही मुझे देखकर पलके झुकाते रही उसको पटाने की कोशिश करता रहा एक अजब से अंदाज में इनकार करते हुए अंगूठा दिखाकर गई कुछ ना आया समझ जरा भी मुझे यह कैसी मोहब्बत बयां कर गई
Hindi shayari ki masti | shayari Sangrah | love shayari